लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सूर घनाक्षरी विधान,२- हिन्दी हमारी शान

भाग-२ हिन्दी दिवस प्रतियोगिता हेतु

हिंदी हमारी शान
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हिन्द की शान है हिन्दी, हमारी जान है हिन्दी
देश की आन है हिन्दी, वतन का मान है हिन्दी
जनमत की पुकार है हिन्दी, हृदय की पुकार है हिन्दी
मेरे जज़्बात हैं हिन्दी,मेरी आवाज़ है हिन्दी।

हमारी अभिव्यक्ति हो हिन्दी,दिलों पर राज करे हिन्दी
महकता किरदार बने हिन्दी, मेरी सांसों में बसी हिन्दी।
हमारी शक्ति है हिन्दी,  आत्मविश्वास है हिन्दी
भाल मां के बजे बिन्दी, चमकता तारा हो हिन्दी।

हमारी शक्ति है हिन्दी, हमारी भक्ति है हिन्दी
हमारे रक्त में हिन्दी,सभी आसक्त हो हिन्दी।
हिन्द की परिभाषा है हिन्दी, अद्वितीय भाषा है हिन्दी।
अलौकिक आनंद है हिन्दी,मेरी अभिलाषा है हिन्दी।

जन्मी संस्कृत से है हिन्दी, अलौकिक आशा है हिन्दी।
लिपि देवनागरी है इसकी, वेदों से प्रकटी है हिन्दी।
राष्ट्र व राज भाषा बनी हिन्दी, विश्व में सम्मानित हो हिन्दी।
सजे हर हाल बन हिन्दी, कहे 'अलका' मुझे प्यारी बड़ी हिन्दी।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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8 Comments

Swati chourasia

07-Sep-2022 02:24 PM

वाह बहुत ही बेहतरीन 👌👌👌👌👌👌

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लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Raziya bano

03-Sep-2022 03:24 PM

बहुत खूब

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